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सैटेलाइट क्या है? और यह कैसे काम करता है?

सैटेलाइट क्या है और यह कैसे काम करता है? (what is satalight)- Satellite क्या है यह सवाल कई बार आप लोगो के दिमाग मे आता कि satellite क्या है। आपने इस बारे में जानने की कोशिश भी की होगी। कि सैटेलाइट क्या है, यह हवा में कैसे टिके रहती है। यदि आप सेटेलाइट के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो इस पोस्ट को पूरा करो पड़े इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे की सेटेलाइट क्या होती है और यह कैसे काम करती है.

साथ ही हम आपको बताएंगे कि सेटेलाइट कितने प्रकार की होती है और यह हवा में कैसे तैरती रहती है तो चलिए शुरू करते हैं अगर आपको हमारे जानकारी पसंद है। क्या आप जानते है कि आप आपके दैनिक जीवन मे जो भी कम करते है बो अधिकतर सैटेलाइट की बजह से ही कर पाते है। बहुत से काम है ऐसे जो किसी ना किसी सैटेलाइट पर निर्भर है। फिर चाहे वो आप tv देख रहे हो या tv पर मौसम का हाल देख रहे हो, अपने मोबाइल में GPS नेविगेशन का इस्तेमाल कर रहे हो, या फिर अपने किसी रिस्तेदार से विदेश में बात कर रहे हो यह सब सेटेलाइट पर निर्भर है। यह सभी किसी न किसी सेटेलाइट के भरोसे ही है।

Satellite के प्रकार – Types of Satellite

Satellite को तीन प्रकरो में बाटा गया है-

  • Low earth orbit sateLlite
  • Medium Earth Orbit Satellite
  • High Earth Orbit Satellite

Low earth orbit sateLlite

यह उपग्रह पृथ्वी की कक्षा के काफी पास होते है। उनकी ऊँचाई 160 से 1600 km तक होती है। यह काफी तेज गति से पृथ्वी से चक्कर लगाते है। इस बजह से यह एक दिन में पृथ्वी के कई सारे चक्कर लगा लेते है। ऐसे में इन्हें पृथ्वी को स्कैन करने में बहुत कम समय लगता है। इनका ज्यादातर उपयोग इमेज और स्कैननिंग में किया जाता है।

Medium Earth Orbit Satellite

यह वह उपग्रह है बहुत तेजी से चक्कर नही लगते
है यह 12 घण्टे में पृथ्वी का 1 चक्कर पूरा कर पाते है। इसकी ऊँचाई 10 हजार किलोमीटर से 20 हजार किलोमीटर तक होती है इसका उपयोग नेविगेशन में किया जाता है।

High Earth Orbit Satellite

यह वह उपग्रह होते है जो प्रथ्वी से बहुत दूर कम से कम 36 हजार किलोमीटर की दुरी पर स्तिथ होते है।
यह उपग्रह पृथ्वी की speed के साथ पृथ्वी का चक्कर लगाते है यानि ये उपग्रह अगर आपके ठीक ऊपर है तो वह आपके सबसे ऊपर ही रहेगा। इन उपग्रहों का उपयोग कॉम्युनिकेशन में किया जाता है।

सैटेलाइट कैसे काम करता है? – (How satalight work)-

Satellite अलग अलग कार्य प्रयोजन से बनाई जाती है, इस लिये इनके कार्यप्रणाली में कुछ अंतर होता है परंतु इसकी मूलभूत संरचना एक समान ही होती है। अधिकतर satellite में 2 मुख्य भाग होते है। जिनकी जानकारी हम आपके लिए नीचे बता रहे हैं।

  1.  एंटीना
  2.  ऊर्जा स्रोत

इसे बहुत से सरल भाषा मे समझे तो सैटेलाइट एक छोटा ऑब्जेक्ट है जो अपने से कही बड़े ऑब्जेक्ट के चारो तरफ अंतरिक्ष मे चक्कर लगा रहा है यही सेटेलाइट कहलाता है। इसे हम शुद्ध हिंदी में उपग्रह भी कह सकते है। इस हिसाब से हमारी पृथ्वी के चारो तरफ चक्कर चन्द्रमा भी एक सेटेलाइट है। परन्तु यह एक प्राकृतिक Satellite है जो इंसान के मुताबिक नही चलता है। जो हमेशा प्राकृतिक के हिसाब से ही चलता है। परंतु इंसानों ने इसी उपग्रह से प्रेरणा ली और अपनी खुद की satellite बनाय जो उनके मुताबिक चलते है।

इंसान ने अपने खुद के सेटेलाइट बना कर पृथ्वी की कक्षा में छोर दिए। जो हम इंसान के लिये बहुत बड़ी भूमिका निभा रहे है। आपकी जानकारी के लिये हम आपको बता दे कि मानव द्वारा निर्मित satellite एक tv के आकार से लेकर एक ट्रक के आकार की भी हो सकती है । इसका आकार इनके काम पर निर्भर करता है। satellite के दोनों तरफ सोनल पैनल लगे होते है। जिनसे उनको ऊर्जा मतलब बिजली मिलती रहती है। इसके बीच मे ट्रांसमीटर और रिसीवर लगे होते है। जो सिग्नल्स को भेजने या रिसीव करने का काम करते है। इसके अलावा कुछ कंट्रोल मीटर भी होते है जिसके द्वारा जिसकी सहायता से हम satellite को रिमोटली कंट्रोल कर सकते है।

इसकी स्थिति को change करना हो या angal change करना हो। सब कुछ कंट्रोल मीटर की सहायता से कर सकते है। इसके अलावा satellite को किस काम के लिये बनाया गया है यह भी आपको satellite में देखने को मिल जायेगा। जिस प्रकार उपग्रह को पृथ्वी की image देखने के लिये बनाया गया है ,उसी प्रकार satellite में बड़े कैमरे लगे होते है जो scaning के लिये बनाया गया है। आपको उसमे स्कैन देखने को मिल जायगे , यह सब satellite के काम पर निर्भर करती है।मुख्यता हम उपग्रहों को कॉम्युनिकेशन के लिये काम मे लेते है। क्योंकि रेडियो और ग्राउंड वेव धरती के पूरी कॉम्युनिकेशन में काम नही आ सकते है। अधिकतर satellite कॉम्युनिकेशन के लिये काम मे लिये जाते है।

Satellite ऊपर हवा में कैसे टिके रहते है-

अब सबसे बड़ा और दिमाग घूमने बाला सवाल यह है कि आखिर satellite हवा में कैसे टिके रहते है? और यह धरती पर गिरते क्यों नही है? इसका एक बहुत ही सरल सिद्धान्त है कि अगर किसी भी चीज़ को अंतरिक्ष मे रहना है तो उसे अपनी एक गति से ऑब्जेक्ट का चक्कर लगाते रहना है। यह अपनी गति सर गुरुत्वाकर्षण को अपने ऊपर हावी नही होने देते । इसी नियम की बजह से सारे उपग्रहों ऊपर हवा में टिके रहते है।

Satellite की जानकारी विस्तार में-

आर्यभट्ट का पहला उपग्रह पहला उपग्रह था जिसको 19 अप्रैल 1975 को लॉन्च किया गया था। भारत ने 1 अप्रैल 2019 को श्री हरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से AMISAT (इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस सैटेलाइट) को PSLV-C40 लॉन्च व्हीकल की मदद से सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया यह ISRO और DRDO के द्वारा मिलकर बनाया गया है.

निष्कर्ष

आज हमने इस लेख के माध्यम से आपके साथ सैटेलाइट क्या है? और यह कैसे काम करता है? के बारे में विस्तार से जानकारी साझा की तथा उससे जुड़े अन्य मुख्य बिंदुओं पर चर्चा की। हम आशा करते है, कि लेख में दी गयी जानकारी आपको पसन्द आयी होगी तथा महत्वपूर्ण साबित हुयी होगी। अगर अभी आपके में लेख में दिये गए विषय से जुड़ा कोई भी सवाल है तो आप बेझिझक कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते है. हमारी टीम द्वारा आपके सवाल का जल्द से जल्द उत्तर देने की कोशिश की जायेगी।

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